हाल ही में वेबाक बात रखने वाले रिपोर्टर सुधीर चौधरी ने एक ऐसी बात कही जिसके द्वारा भटके हुए युवाओं ( आतंकवादियों ) को भटकने से रोका जा सकेगा | जायदातर भटके हुए युवा भोग विलासिता वाली जन्नत के सपनों को देखकर खुद को इस दुनिया से अलग एक अलग काम को करने वाला मान कर निर्दोष लोगों की जान के दुश्मन बन जाते हैं और उन्हें अपने कट्टरपंथ की आड़ में मार देते हैं | उसके बाद देश विदेश के सेक्युलर लोग इस तरह के आतकवादियों को भटका हुआ युवा बता कर किसी भी धर्म से जोड़ने के खिलाफ खड़े हो जाते हैं |
इसी को ध्यान में रखते हुए सुधीर चौधरी ने कहा कि किसी भी आतंकवादी का उसके धार्मिक आधार पर अंतिम संस्कार का अधिकार छीन लेना चाहिए और मरे हुए आतंकवादियों को कूड़े के ढेर में जला देना चाहिए | चूँकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की उन्हें जलाया जा रहा है या दफनाया जा रहा है या उसका अंतिम संस्कार किस विधि से किया गया |

सुधीर चौधरी ने आगे कहा कि “आपने देखा होगा कि आतंकवादियों के शव को कोई वापस नहीं लेता | भारत में हमला करने वाले आतंकवादियों के शव कभी भी पाकिस्तान ने वापस नहीं लिए | इसलिए उन्हें अपनी जमीन में दफ़नाने का कोई औचित्य नज़र नहीं आता | इससे इस्लाम का गलत इस्त्तेमाल करने वाले लोगों को ये सन्देश भी मिलेगा कि मरने के बाद उन्हें जन्नत नसीब होगी या नहीं इस बात की तो कोई गारंटी नहीं पर ये जरुर पता लगेगा की मरने के बाद उन्हें 2 गज जमीन भी नसीब नहीं होगी इसकी पूरी गारंटी है | सवाल ये है कि नापाक इरादे रखने वाले आतंकियों के लिए हम अपने देश की जमीन क्यू इस्त्तेमाल करें | इस परम्परा का ये फायदा भी होगा कि हमारे देश में सेकुलरिज्म की दुहाई देकर अपना एजेंडा चलाने वाले लोगों की पहचान हो जाएगी क्युकि जब आतंकवादियों का अंतिम संस्कार करने की बजाय उन्हें कूड़े के ढेर में जलाया जायेगा तो हमारे देश में सेकुलरिज्म की दुकान चलाने वाले बहुत सारे लोग इसका विरोध करेंगे और ये उन्हें ढूँढने का सबसे अच्छा मौका होगा | पूरा देश ऐसे लोगों के असली चेहरे को पहचान लेगा |
दोस्तों हम भी इस सुझाव का पूरा समर्थन करते हैं | क्युकि आतंकवाद देश और दुनिया की एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है | जिसका हर संभव अंत होना आवश्यक है | निर्दोष लोगों को सिर्फ इस बजह से मार देना कि उनकों आयत पढनी नहीं आती कोई धर्म नहीं सिखाता है | तो इस सुझाव को सरकार जितना जल्दी मानती है उतनी ही जल्दी जन्नत के लिए भटकने वालों को कम किया जा सकता है |
आप सुधीर चौधरी का विडियो भी देख सकते हैं जिसमें वह अपनी राय देश के सामने रख रहे हैं |